>>>> शरीर को पुनः नया बना देता है पुनर्नवा<<<<
<> पुनर्नवा सुजन को नष्ट करती है यह ह्रदय रोग व किडनी के विकारों में (पथरी,किडनी फेल्युअर, किडनी की सुजन आदि) में विशेष लाभदायी है
<> प्रोस्टेट ग्रंथि में वृद्धि होने पर पुनर्नवा की जड़ के चूर्ण का सेवन करें
<> संधिवात में पुनर्नवा के पत्तों की भाजी सोंठ डालकर खायें।
<> पैर की एड़ी में वेदना होती हो तो पुनर्नवा में सिद्ध किया हुआ तेल पैर की एड़ी पर लगाए एवं सेंक करें।
<> मोटापा दूर करने के लिए पुनर्नवा के 5 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम लें। पुनर्नवा की सब्जी बना कर खायें।
<> पेट के रोगः गोमूत्र एवं पुनर्नवा का रस समान मात्रा में मिलाकर पियें।
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