>>>अमृत तुल्य गुणों की खान अमृता(गिलोय)<<<
*इसके स्वरस में मधु मिलाकर सेवन से बल बढता है।
*सौठ चूर्ण के साथ लेने पर मंदाग्नि दूर होती है।
*इसके चूर्ण लेने से मूत्रा दाह दूर होकर मूत्रा सापफ आता है।
*इसकी जड का क्वाथ पिलाने से बारी से आने वाला ज्वर मिटता है।
* घृत के साथ सेवन करने से वात रोग मिटता है।
* गुड के साथ सेवन करने से कब्ज मिटती है।
* गिलोय, हरड, नागर मोथा चूर्ण को मधु के साथ सेवन करने से मेदो रोग(मोटापा चर्बी) मिटता है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.