Sunday, 14 September 2014

स्वास्थ्य के लिए हानिकर : रात्रि - जागरण

 स्वास्थ्य के लिए हानिकर : रात्रि - जागरण

‘प्रोसीडिंग्स ऑफ़ द नेशनल एकेडमी ऑफ़ साइंसेस’ पत्रिका में प्रकाशित एक ब्रिटिश अध्ययन के अनुसार रात्रि – जागरण हमारे शरीर के डीएनए को गम्भीर नुकसान पहुँचाता है | डीएनए हमारी कोशिकाओं के केंद्र में मौजूद वह महत्त्वपूर्ण तत्त्व जानकारी होती है | जैसे – हमारे बालों का रंग, आँखों का रंग क्या होगा या हमें कौन-सी बीमारियाँ हो सकती है ?

सर्री विश्वविद्यालय (इंग्लैंड) में शोधकर्ताओं ने २२ स्वास्थ लोगों का विशलेषण किया और उनके सोने के समय में लगातार ३ दिनों तक ४ घंटे की देरी की | शोधकर्ताओं ने यह पाया कि सभी २२ लोगों के जीन्स की लय को गहरा नुकसान पहुँचा है | ९७% से अधिक जीन्स जो पहले तालबद्ध थे, सोने का समय बदलने से अपनी लय खो चुके थे | ये जीन्स हमारे डीएनए का ६% हिस्सा होते हैं और बिमारियों के खिलाफ हमारे शरीर के रक्षाकवच का काम करते हैं | शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला कि लम्बे समय तक रात में काम करना शरीर के लिए गम्भीर स्वास्थ्य – समस्याएँ पैदा कर सकता है |

-लोक कल्याण सेतु

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.