Monday 31 August 2015

30- Amla Candy




(सभी संत श्री आशाराम जी आश्रम व सेवा केन्द्रों पर उपलब्द्ध)

Friday 28 August 2015

29-Achyutaya Amla Achar




(सभी संत श्री आशाराम जी आश्रम व सेवा केन्द्रों पर उपलब्द्ध)

Wednesday 26 August 2015

28-Achyutaya Saubhagya Shunthi Pak




 >>>अच्युताय सौभाग्य-शुंठी पाक(Achyutaya Saubhagya Sunthi Pak)<<<

(बुद्धि,तेज,वीर्य, को बढाकर नवचेतनाप्रदायनी औषधि)
 
  दैवी-गुणों से संपन्न

    यह 80 प्रकार के वातरोग, 40 प्रकार के पित्तरोग तथ 20 प्रकार के कफ रोगों को नष्ट करता है ।
इस पाक की महिमा का वर्णन भगवान महादेवजी ने पार्वतीजी के समक्ष किया था । नारदजी ने इसे ब्रम्हाजी के श्रीमुख से सुना व अश्विनीकुमारों ने इस पाक का निर्माण किया था । इसके सेवन से बल,बुद्धि,स्मृति,उत्तम वाणी,सौंन्दर्य,सुकुमारता तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है । माताओं के लिए यह खास वरदानस्वरूप है प्रसूति के बाद सेवन से दूध खुलकर आता है तथा संभावित कई व्याधियों से रक्षा होती है ।सर्दियों में इस दैवी पाक का विधिवत सेवन कर सभी निरोगता व दिर्घ्यायुष्य की प्राप्ति कर सकते है ।
सेवन-विधि : सुबह १० ग्राम पाक दूध के साथ ले उसके चार से छः घंटे बाद भोजन में
तीखे,खट्टे,तले हुए तथा पचने में भरी पदार्थ न लें । शाम को पुनः१० ग्राम पाक दूध के साथ लें ।


(1)        Product Name :- Achyutaya Saubhagya Sunthi Pak
(2)        Quantity :- 450 g.

(3)        Direction For Use :- Dose depends on digestive capacity. In general 10gm pak with fresh milk in morning on empty stomach. Also can be taken 10g. pak in evening with fresh milk. Lunch or Dinner should be taken after 4 to 6 hrs. OR as directed by physician.
(4)        Benefits :- Lord shiva and Lord brahma enumerated the benefits of this pak infront of parvatidevi and rushi Narad respectively.
                 It inceases strength, glow, memory, beauty and fortune.
                 It is specially useful after delivery  increasing lactation and for avoiding puerpural disorders.
                 It cures 80 types of vataj disorders, 40 types of pittaj disorders and 20 types of kaphaj disorders.
                 Thereby Useful in T.B., anaemia, cough, dyspnoea, weak digestive power, sprue, molar pregnancy (Raktagulma), leucorrhoea, menorrhagia, somrog, loss of milk secretion, dysuria, jaundice, neck rigidity and all pittaj, vatpittaj and puerpural women’s vata disorders etc
(5)Main Ingredients :- Saffaron(Keshar), Shilajit, Loha bhasma, Zinziber officinale(sunthi), cow’s ghee, cow’s milk, Bacopa monieri(brahmi),Asparagus racemosus(shatavari) etc.


(सभी संत श्री आशाराम जी आश्रम व सेवा केन्द्रों पर उपलब्द्ध)

Monday 24 August 2015

27-Ashwagandha Pak

>>> अच्युताय अश्वगंधा पाक  (Achyutaya Ashwagandha Pak) <<<
आयु-आरोग्य एव पुष्टिवर्धक
यह पाक शक्तिवर्धक,पुष्टिवर्धक,दीर्घ आयु व आरोग्य प्रदान करने योग्य है मांसपेशियों व नसों की कमजोरी,रोगों के बाद आनेवाली दुर्बलता,कृशता व उससे होने वाले शारीरिक दर्द में यह पाक बहुत लाभदायी है ।धातु की कमजोरी,स्वप्नदोष,यादशक्ति की कमी,मानसिक अवसाद (डिप्रेसन) ,राजयक्ष्मा (टी.बी.),व अनिद्रा में गुणकारी है उसके सेवन से नींद अच्छी आती है सर्दियों में इसका सेवन अवश्य करें। 

(सभी संत श्री आशाराम जी आश्रम व सेवा केन्द्रों पर उपलब्द्ध)

26-Litchi Drink


>>>Litchi  Drink<<<

सभी संत श्री आशाराम जी आश्रम व सेवा केन्द्रों पर उपलब्द्ध

Saturday 22 August 2015

25- Neem (नीम के औषधीय गुण)




>>>>  नीम के औषधीय गुण  <<<<

<>  निबौलियों को पीसकर रस तैयार करके बालों पर लगाया जाए तो जूएं मर जाती हैं।
<>  पानी में थोड़ी-सी नीम की पत्तियां डालकर नहाने से भी घमौरियां दूर हो जाती हैं।
<>  नीम के गुलाबी कोमल पत्तों को चबाकर रस चूसने से डायबिटीज रोग मे आराम मिलता है।
<>  नीम के पत्ते अनाज में रखने पर अनाज में कीड़े नही लगते ।
<>  निंबोली का तेल लगाने से जलने का घाव जल्दी भर जाता है।
<>  नीम के तेल से मालिश करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। नीम का लेप भी सभी प्रकार के चर्म रोगों के    निवारण में सहायक है।
<>   नीम के रस में सेंधा नमक मिलाकर मंजन करने से पायरिया, दांत-दाढ़ का दर्द आदि दूर हो जाता है।

Friday 21 August 2015

24-Turmeric(औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी)




>>>> औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी <<<<

<> हल्दी वाला दूध पीने से आपकी हड्डियां मजबूत होती है साथ ही हल्दी में मौजूद एंटिओक्सीडेंट आपको हड्डियो में होने वाली समस्याओं से भी बचाते हैं।

<>  हल्दी में सूजन को रोकने का खास गुण होता है। इसका उपयोग गठिया रोगियों को अत्यधिक लाभ पहुंचाता है।

<> यदि सर्दी और जुकाम से नाक बंद हो जाती हो तो हल्दी, शहद और काली मिर्च को मिलाकर सेवन करें।

<> कैंसर से बचने और कैंसर के प्रभाव को कम करने में हल्दी एक कारगर दवाई का कार्य करती है।

<>  कच्ची हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। इसमें इंफेक्शन से लडने के गुण भी पाए जाते हैं।

<> हल्दी शरीर में जमा फैट्स को कम करती है साथ ही इसमे मौजूद गुण आपके वजन को घटाते हैं।

Thursday 20 August 2015

23-Harad (हरड़- एक बहुमूल्य रसायन)

>>>> हरड़- एक बहुमूल्य रसायन <<<<
<>  हरड़ को पीसकर उसमे शहद मिलाकर चाटने से उल्टी आनी बंद हो जाती है|
<>   हरड़ के टुकड़ों को चबाकर खाने से भूख बढ़ती है |
<>  छोटी हरड़ को पानी में घिसकर छालों पर प्रतिदिन ०३ बार लगाने से मुहं के छाले नष्ट हो जाते हैं | इसको   आप रात को भोजन के बाद भी चूंस सकते हैं |
 <>  रात को खाना खाने के बाद हरड़ चबा चबा कर खाने से पेट साफ़ हो जाता है और गैस कम हो जाती है |
<>  हरड़ का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दो किशमिश के साथ लेने से अम्लपित्त (एसिडिटी ) ठीक हो जाती है |
<>  हरीतकी चूर्ण सुबह शाम काले नमक के साथ खाने से कफ ख़त्म हो जाता है |

Wednesday 19 August 2015

22-Rose(गुलाब की पंखुड़ियों से विभिन्न रोगों में उपचार)


 >>> गुलाब की पंखुड़ियों से विभिन्न रोगों में उपचार <<<

<> गुलाबजल में ग्लिसरीन अच्छी तरह से मिला लें और इसे दिन में 3-4 बार होठों पर लगाएं इससे होंठों का कालापन दूर होता है।

<> गुलाब के फूलों का काढ़ा बनाकर उससे कई बार गरारा करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

<> गुलाब का रस 2-2 बूंद सुबह-शाम आंखों में डालने से आंखों के रोग ठीक हो जाते हैं।

<> 10 ग्राम गुलाब के फूल और 5 ग्राम मिश्री को मिलाकर दिन में 3 बार खाएं इससे दस्त में लाभ मिलेगा।

<> भोजन करने के बाद 2 चम्मच गुलकंद को रोजाना 2 बार खाने से पेट के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।

<> 50 ग्राम गुलाब के फूलों की कोमल पंखुड़ियों में मिश्री मिलाकर खाने तथा इसके बाद दूध पीने से श्वेत प्रदर रोग में फायदा मिलता है।

Tuesday 18 August 2015

21-Mint (कुदरत का करिश्मा पुदीना)

>>>कुदरत का करिश्मा पुदीना<<<

<> पुदीने की चटनी व शरबत के सेवन से गैस समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
<> पुदीने में मौजूद फाइबर कोलैस्ट्राल कम करने में मदद करता है।
<> पुदीना का रस किसी घाव पर लगाने से जख्म जल्दी भर जाते हैं।
<> उल्टी होने पर आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे पर रोगी को पिलाइए, इससे उल्टी आना बंद हो जाएगा।
<>  पेटदर्द होने पर पुदीने को जीरा, हींग, काली मिर्च में नमक मिलाकर पीने से पेट का दर्द समाप्त हो जाता है।
<> ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इससे त्वचा की गर्मी समाप्त होती है।

Sunday 16 August 2015

20- Lemon (छोटे नींबू के लाभ बड़े)

>>>> छोटे नींबू के लाभ बड़े <<<<

<> किसी कारण से प्यास लगती हो, तो नींबू चूसने या शिकंजी पीने से तुरंत प्यास बंद हो जाती है।
<> ताजे नींबू का रस निकालकर नाक में पिचकारी देने से नाक से खून गिरता हो, तो बंद हो जाएगा।
<> चुटकी भर हींग को नींबू में मिलाकर चूसने से मिर्गी रोग में लाभ होगा।
<> नींबू का रस व शहद मिलाकर मसूड़ों पर मलते रहने से रक्त व पीप आना बंद हो जाएगा।
<> एक चम्मच नींबू का रस व शहद मिलाकर पीने से हिचकी बंद हो जाएगी।
<> नींबू में फिटकरी का चूर्ण भरकर खुजली वाले स्थान पर रगड़ने से खुजली समाप्त हो जाएगी।

Saturday 15 August 2015

19-Ashwagandha(गुणों की खान हैं अश्वगंधा)

>>>> गुणों की खान हैं अश्वगंधा <<<<<

<> आधा चम्मच अश्वगंधा सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध के साथ लें, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। शरीर में कम्पन हो तो ठीक होगा।

<> वजन कम होने से परेशान हैं तो एक गिलास दूध में 1 से 3 ग्राम अश्वगंधा चूर्ण को मिला कर इसका सेवन करें।

<> अश्वगंधा के चूर्ण की एक−एक ग्राम मात्रा दिन में तीन बार लेने पर शरीर में हीमोग्लोबिन लाल रक्त कणों की संख्या तथा बालों का काला पन बढ़ता है।

<> यदि अश्वगंधा, मुलहठी और आंवला तीनों को समान मात्रा लेकर चूर्ण बनाकर एक चम्मच नियमित रूप से सेवन किया जाये तो आंखों की रोशनी बढ़ती है।

Friday 14 August 2015

18-Honey(शहद की बेहतरीन खूबियाँ और प्रयोग)


>>>>  शहद की बेहतरीन खूबियाँ और प्रयोग <<<<

<> अदरक का रस और शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी-जुकाम में बहुत आराम मिलता है.
<> मुहांसों पर रात में सोते समय दालचीनी चूर्ण और शहद मिलाकर लगायें और सुबह धो लें, मुहांसे ठीक होंगे और दाग भी नहीं रहेंगे.
<> हलके गुनगुने पानी में शहद और नीम्बू का रस मिलाकर सुबह पीने से वजन कम होता है,कब्ज दूर होता है, साथ ही शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते है.
<> होठों पर शहद लगाने से होंठ नर्म,मुलायम होते हैं.
<> एक चम्मच लहसुन का रस और शहद मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पीने से ब्लड प्रेशर काबू में रहता है .

Thursday 13 August 2015

17-punarnava(पुनर्नवा के लाभ)




 >>>> शरीर को पुनः नया बना देता है  पुनर्नवा<<<<

<> पुनर्नवा सुजन को नष्ट करती है यह ह्रदय रोग व किडनी के विकारों में (पथरी,किडनी फेल्युअर, किडनी की सुजन आदि) में विशेष लाभदायी है

<> प्रोस्टेट ग्रंथि में वृद्धि होने पर पुनर्नवा की जड़ के चूर्ण का सेवन करें

<> संधिवात में पुनर्नवा के पत्तों की भाजी सोंठ डालकर खायें।

<> पैर की एड़ी में वेदना होती हो तो पुनर्नवा में सिद्ध किया हुआ तेल पैर की एड़ी पर लगाए एवं सेंक करें।

<> मोटापा दूर करने के लिए पुनर्नवा के 5 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम लें। पुनर्नवा की सब्जी बना कर खायें।

<> पेट के रोगः गोमूत्र एवं पुनर्नवा का रस समान मात्रा में मिलाकर पियें।

Wednesday 12 August 2015

16-Brahmi (ब्राह्मी के लाभ)

>>>>>> दिमाग की शक्‍ति बढाए ब्राह्मी <<<<<<<
जिन बच्चे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते हैं या उनमें एकाग्रता की समस्या है तो उन्हें 200 मिली गर्म दूध में 1 चम्मच ब्राह्मी का चूर्ण हर रोज खाने के लिए दें।
लगातार मानसिक कार्य करने से थकान हो जाने पर जब व्यक्ति की कार्यक्षमता घट जाती है तो ब्राह्मी के उपयोग से आश्चर्यजनक लाभ होता है।
ब्राह्मी की ताजी पत्तियों का स्वरस 2.5 मिलीग्राम मात्रा में शहद लेकर सेवन करें, इससे भी रक्तचाप नियंत्रित रहेगा।
यदि पेशाब में तकलीफ हो या पेशाब रूक रहा हो तो बस ब्राह्मी के दो चम्मच स्वरस में मिश्री मिलाकर दें। इससे पेशाब खुल कर आएगा।

जिन व्यक्तियों को अनिंद्रा से सम्बन्धित शिकायत रहती है, उन्हे यह प्रयोग करना चाहिए। सोने से 1 घन्टा पूर्व 250 मिली0 गर्म दूध में 1 चम्मच ब्रहमी का चूर्ण मिलाकर नित्य सेवन करने से रात्रि में नींद अच्छी आती है

Tuesday 11 August 2015

14-Musli (मूसली के लाभ)




>>>> बिजली जैसी ताकत प्रदान करने वाली...मूसली <<<<
<> यह  उत्तम बलप्रद, पौष्टिक, रसायन, कांति-वर्धक एवं उत्कृष्ट वीर्यवर्धक है ।
<> नियमित सेवन से शरीर की सभी धातुओं का पोषण होकर शरीर सुदृढ़ बनता है ।
<> यह मांस-पेशी, अस्थियाँ एवं स्नायुओं की दुर्बलता दूर करके उनका बल बढाता है ।
<>  दुर्बल रोगियों का वजन एवं बल बढाकर शरीर को मजबूत बनाता है ।
<> यह बुद्धिशक्ति एवं स्मृतिशक्ति बढाकर मानसिक क्षमता को बढाता है ।
<> शारीरिक-मानसिक दुर्बलता, स्वप्नदोष, पेशाब के साथ धातु जाना, वीर्य का पतलापन,शीघ्रपतन, शुक्राणु की कमी,में भी लाभदायी है ।  

Monday 10 August 2015

13- Amrita




>>>अमृत तुल्य गुणों की खान अमृता(गिलोय)<<<
 
*इसके स्वरस में मधु मिलाकर सेवन से बल बढता है।

*सौठ चूर्ण के साथ लेने पर मंदाग्नि दूर होती है।


*इसके चूर्ण लेने से मूत्रा दाह दूर होकर मूत्रा सापफ आता है।

*इसकी जड का क्वाथ पिलाने से बारी से आने वाला ज्वर मिटता है।

* घृत के साथ सेवन करने से वात रोग मिटता है।

* गुड के साथ सेवन करने से कब्ज मिटती है।

* गिलोय, हरड, नागर मोथा चूर्ण को मधु के साथ सेवन करने से मेदो रोग(मोटापा चर्बी) मिटता है।

Sunday 9 August 2015

12- Amla



आंवले के औषधीय गुण देखकर आप दंग रह जायेगे

आंवले के अन्दर विटामिन `सी´ भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसकी खास बात यह है कि इसके विटामिन गर्म करने और सुखाने से भी खत्म नहीं होते।

आंवला युवको को जवान बनाए रखता है और बूढ़ों को युवाशक्ति प्रदान करता है।

आंवला हमारे दांतों और मसूढ़ों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है एवं तन-मन को फुर्तीला बनाता है।

नर्वस सिस्टम (स्नायु रोग), हृदय की बेचैनी, धड़कन, मोटापा, जिगर,ब्लडप्रेशर, दाद, प्रदर, गर्भाशय दुर्बलता, नपुसंकता, चर्म रोग, मूत्ररोग एवं हडिड्यों आदि के रोगों में आंवला बहुत उपयोगी होता है।

Saturday 8 August 2015

11- AloeVera




एलोवेरा
एलोवेरा से बेहतर कुछ नहीं

* एलोवेरा का जूस बवासीर, डायबिटीज़, गर्भाशय के रोग तथा पेट के विकारों को दूर करता है।
* गुलाब जल में एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा में नमी बरकरार रहती है और खोई नमी लौटती है।
* कहीं भी जलने या चोट लगने पर एलोवेरा का रस लगाने से बहुत आराम मिलता और वो तेज़ी से भी ठीक होती है।
* घृतकुमारी अल्पमात्र में दीपन, पाचन, कटुपौष्टिक, यकृत उत्तेजक तथा बड़ी मात्रा में विरेचन, कृमिघ्न, रक्तशोधक, आर्त्तजनन, गुण वाली होती है। वर्तमान समय में एलोजेल का सौन्दर्य प्रसाधन में अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है, विभिन्न प्रकार के आयुर्वेदिक उत्पाद सभी संत श्री आशारामजी आश्रम व समितियों के सेवाकेन्द्रों पर उपलब्ध हैं।