Wednesday 10 August 2011

मधुर मधुर परमात्मा

परमात्मा परम आनंद और परम शान्ति के भंडार हैं | उनके साथ तुम्हारा सम्बन्ध जितना ही बढ़ता जाएगा उतने ही आनंद और शान्ति भी तुम्हारे अंदर बढ़ते जायेंगे | तुम जहाँ भी जाओगे, आनंद और शान्ति तुम्हारे साथ जायेंगे ....
प्रातः स्मरणीय परम पूज्य
संत श्री आसारामजी बापू

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